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निर्यातकों के लिए गोल्ड कार्ड योजना की मुख्य विशेषताएं

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भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, बैंक ने निर्यात ऋण की आसान उपलब्धता हेतु पिछले अच्छे कार्य-निष्पादन रिकॉर्ड वाले निर्योतकों को गोल्ड कार्ड ज़ारी करने के लिए एक योजना बनाया है. योजना की निम्नलिखित मुख्य विशेषताएं हैं :-

1. गोल्ड कार्ड धारक निर्यातकों को उनके पिछले कार्य-निष्पादन रिकॉर्ड और ऋण पात्रता के आधार पर अन्य निर्यातकों को दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना में बेहतर ऋण शर्तें प्रदान की जाएंगी.

2. ऋण के लिए आवेदनों को सरल और त्वरित प्रसंस्करण मानदंडों पर संसाधित किया जाएगा.

3. सभी सुव्यवस्थित खातों में आकस्मिक ऑर्डर निष्पादित करने हेतु तत्काल क्रेडिट जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वीकृत सीमा के 20% की अतिरिक्त आपाती सीमा प्रदान की जाएगी.

4. अनुमान के परे, अप्रत्याशित निर्यात आदेशों के मामलों में, आदेश का आकार और प्रकृति को ध्यान में रखते हुए यथा शीघ्र/यथा संभव अतिरिक्त निर्यात वित्त प्रदान किया जाएगा.

5. निर्यातकों के प्रदर्शन की वार्षिक आधार पर समीक्षा की जाएगी.

6. गोल्ड कार्डधारकों को विदेशी मुद्रा संसाधनों की उपलब्धता के अधीन विदेशी मुद्रा में लदानपूर्व निर्यात ऋण(पीसीएफसी) में पैकिंग ऋण प्रदान करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी.

7. गोल्ड कार्ड धारकों के लिए पोत-लदानोत्तर ऋण के लिए संपार्श्विक सुरक्षा / क्रेतावार निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) कवर पर जोर नहीं दिया जाएगा, जहां :-

  • निर्यातक का पिछले 3 वर्षों का संतोषजनक कार्य-निष्पादन रिकॉर्ड है.
  • निर्यात की वस्तुएँ उन उत्पादों के अंतर्गत आती हैं जिनका सामान्य रूप से व्यापार के दौरान निर्यातक द्वारा निपटारा किया जाता है.
  • न्यूनतम ऋण जोखिम रेटिंग सीबीआई - V होनी चाहिए.
  • बैंक के पास विदेशी क्रेता की संतोषजनक स्थिति रिपोर्ट हो.
  • विदेशी क्रेता उस देश का है जिसकी निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) वर्गीकरण के अनुसार देश की जोखिम रेटिंग बी1 से कम नहीं होनी चाहिए.

 

 

नोट: निर्यातक इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए गृह शाखा से संपर्क कर सकते हैं.